Wednesday, February 27, 2008

मौन



बस! अब रहनें दो!

बहुत कह चुके तुम से

हर बार हमारे प्रश्न पर मौन रहना,

अब तुम्हारी आदत बन चुकी है।



बहुत भागता रहा हूँ-

उन के लिए जो कभी किसी काम की नही,

बस संग्रह है।

बहुत बहस करता रहा हूँ-

उस के लिए जो कभी खतम होती नही,

समय की बर्बादी है।



इसी लिए अब मैनें -

तुम्हारे मौन को ,

अपना उत्तर बनाया है

2 comments:

  1. इसी लिए अब मैनें -

    तुम्हारे मौन को ,

    अपना उत्तर बनाया है
    bahut sahi

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