आज एक पोस्ट पढ़ी "भूत प्रेत होते हैं या नही" इसी लिए इस विषय पर लिखने का विचार बन गया।
भूत या आत्मा कुछ भी कहे लेकिन यह होते हैं ऐसा सभी धार्मिक ग्रंथ कहते हैं।गीता में आत्मा के बारे में कहा गया है। ईसाई आत्मा या कहे शैतान और फरिश्तों को मानते हैं।मुसलमान पीर और जिन्न परी भूतादि को मानते हैं।...अब या तो यह मान लें कि इन ग्रंथो में कही बाते असत्य है......या फिर सत्य हैं.....।
सिर्फ किसी चीज को नकार देने से किसी का अस्तित्व समाप्त नही हो सकता और जो नही है उसे स्वीकार कर लेने से वह हो नही सकती यदि वह नही हैं तो।
वास्तव में अभी इस पर बहुत शोध करने पड़ेगें ।तभी कुछ प्रमाणिकता से कहा जा सकेगा।विज्ञानिक इस कार्य में जुटे हुए हैं.....वह अभी ना तो इस बात से इन्कार करते हैं कि यह आत्मा,भूता आदि नही होते और ना अभी इस बात को पूरी तरह स्वीकार करते हैं कि होते हैं।
जहाँ तक जो लोग इन के होनें का प्रमाण देते हैं....वह इन से त्रस्त होने पर ही ऐसा कहते हैं उन के अनुसार यह सब भूतादि होते हैं। बहुत से लोग इन्हें देखने का भी दावा करते हैं।
एक बार बिस्मिल्ला खाँ (शहनाईवादक) ने भी एक किस्सा सुनाया था कि वह अपने जवानी के दिनों में एक खडंहर मे अपना शहनाई का रियाज़ बहुत दिनों से किया करते थे तो एक दिन अचानक एक वानर जैसा बड़ा सा आदमी उन के सामनें अचानक प्रकट हो गया ।जिसे देख वह कहते हैं कि मैं डर गया था। लेकिन उस वानर से दिखने वाले आदमी ने उन्हें आशिर्वाद दिया की तुम्हें शहनाई में बहुत यश मिलेगा।वह वानर-सा आदमी आशिर्वाद दे कर आलोप हो गया।उन्होने आगे बताया कि मुझे बाद में पता चला कि मैं जिस खडंहर में अपना रियाज़ करता था वहाँ पहले हनुमान जी का मंदिर था।अब यह बात सत्य है या असत्य वही कह सकते थे।
दूसरी और जो लोग इन के जानकार कहे जाते हैं वह इन्हें पूरी तरह दावे के साथ स्वीकारते हैं......लेकिन वह किसी बात का प्रमाण नही देना चाहते। उन के अनुसार यह एक गुप्त विधा है....जो गुरू द्वारा अपने शिष्य को ही बताई जाती है।उन के अनुसार यदि कोई इन्हें देखना चाहता है तो पहले कोई साधना करनी पड़ती है....तभी कोई इन्हें देख सकता है।....इस तरह का दावा करने वाले हरिद्वार रिसिकेश में स्वर्गाश्रम के पीछे लगे जंगलों मे रहने वाले अनेक साधु-बाबा वहाँ मिल जाएगें। जिन के पास कुछ ऐसा जरूर है जो प्रभावित करता है।अचंभित करता है।
कुछ लोग मानते हैं कि इन भूतादि को कुत्ते बिल्ली आदि जानवर आसानी से देख लेते हैं। उन्हे देख कर वे अजीब तरह से आवाजे निकालने लगते हैं....जैसे कोई रो रहा हो।यह बात तो ज्यादातर सभी के आस-पास जरूर जरूर देखने को मिलती रहती होगी। हमने भी कई बार रात को कुत्तों को अजीब -सी आवाज मे रोते देखा है...और उसे भयभीत होते देखा है........अब वह किस से भयभीत होता है यह तो वही जानें।इस विषय में बाकि फिर कभी लिखेगें....हमारे पास ऐसे ढेरों किस्से है जो हमारे सामने ही घटित होते रहे। उन के बारे में फिर कभी किसी पोस्ट में लिखते रहेगें।
आप इस बारे में क्या सोचते हैं टिप्पणीयों द्वारा जरूर बताएं।