Friday, October 30, 2009

भूत होते हैं....


आज एक पोस्ट पढ़ी "भूत प्रेत होते हैं या नही" इसी लिए इस विषय पर लिखने का विचार बन गया।

भूत या आत्मा कुछ भी कहे लेकिन यह होते हैं ऐसा सभी धार्मिक ग्रंथ कहते हैं।गीता में आत्मा के बारे में कहा गया है। ईसाई आत्मा या कहे शैतान और फरिश्तों को मानते हैं।मुसलमान पीर और जिन्न परी भूतादि को मानते हैं।...अब या तो यह मान लें कि इन ग्रंथो में कही बाते असत्य है......या फिर सत्य हैं.....।

सिर्फ किसी चीज को नकार देने से किसी का अस्तित्व समाप्त नही हो सकता और जो नही है उसे स्वीकार कर लेने से वह हो नही सकती यदि वह नही हैं तो।

वास्तव में अभी इस पर बहुत शोध करने पड़ेगें ।तभी कुछ प्रमाणिकता से कहा जा सकेगा।विज्ञानिक इस कार्य में जुटे हुए हैं.....वह अभी ना तो इस बात से इन्कार करते हैं कि यह आत्मा,भूता आदि नही होते और ना अभी इस बात को पूरी तरह स्वीकार करते हैं कि होते हैं।

जहाँ तक जो लोग इन के होनें का प्रमाण देते हैं....वह इन से त्रस्त होने पर ही ऐसा कहते हैं उन के अनुसार यह सब भूतादि होते हैं। बहुत से लोग इन्हें देखने का भी दावा करते हैं।

एक बार बिस्मिल्ला खाँ (शहनाईवादक) ने भी एक किस्सा सुनाया था कि वह अपने जवानी के दिनों में एक खडंहर मे अपना शहनाई का रियाज़ बहुत दिनों से किया करते थे तो एक दिन अचानक एक वानर जैसा बड़ा सा आदमी उन के सामनें अचानक प्रकट हो गया ।जिसे देख वह कहते हैं कि मैं डर गया था। लेकिन उस वानर से दिखने वाले आदमी ने उन्हें आशिर्वाद दिया की तुम्हें शहनाई में बहुत यश मिलेगा।वह वानर-सा आदमी आशिर्वाद दे कर आलोप हो गया।उन्होने आगे बताया कि मुझे बाद में पता चला कि मैं जिस खडंहर में अपना रियाज़ करता था वहाँ पहले हनुमान जी का मंदिर था।अब यह बात सत्य है या असत्य वही कह सकते थे।

दूसरी और जो लोग इन के जानकार कहे जाते हैं वह इन्हें पूरी तरह दावे के साथ स्वीकारते हैं......लेकिन वह किसी बात का प्रमाण नही देना चाहते। उन के अनुसार यह एक गुप्त विधा है....जो गुरू द्वारा अपने शिष्य को ही बताई जाती है।उन के अनुसार यदि कोई इन्हें देखना चाहता है तो पहले कोई साधना करनी पड़ती है....तभी कोई इन्हें देख सकता है।....इस तरह का दावा करने वाले हरिद्वार रिसिकेश में स्वर्गाश्रम के पीछे लगे जंगलों मे रहने वाले अनेक साधु-बाबा वहाँ मिल जाएगें। जिन के पास कुछ ऐसा जरूर है जो प्रभावित करता है।अचंभित करता है।

कुछ लोग मानते हैं कि इन भूतादि को कुत्ते बिल्ली आदि जानवर आसानी से देख लेते हैं। उन्हे देख कर वे अजीब तरह से आवाजे निकालने लगते हैं....जैसे कोई रो रहा हो।यह बात तो ज्यादातर सभी के आस-पास जरूर जरूर देखने को मिलती रहती होगी। हमने भी कई बार रात को कुत्तों को अजीब -सी आवाज मे रोते देखा है...और उसे भयभीत होते देखा है........अब वह किस से भयभीत होता है यह तो वही जानें।इस विषय में बाकि फिर कभी लिखेगें....हमारे पास ऐसे ढेरों किस्से है जो हमारे सामने ही घटित होते रहे। उन के बारे में फिर कभी किसी पोस्ट में लिखते रहेगें।


आप इस बारे में क्या सोचते हैं टिप्पणीयों द्वारा जरूर बताएं।



38 comments:

  1. bahut achchci lagi yeh post.......

    waise maine bhi experience kiya hai bhoot ko.........

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  2. बहुत रोचक लिखा आपने , अगले पोस्ट का इंतजार है

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  3. इतना ही नहीं .. श्‍मशान में भूत या प्रेत की सिद्धि करनेवाले लोग किसी के मन की बात बता देते हैं .. वे कुंडली देखते हुए भी ग्रहों के आधार पर भविष्‍यवाणी नहीं करते .. हस्‍तरेखा या मस्तिष्‍क रेखा देखकर भी नहीं कहते हैं .. पर भूतकाल की बात आराम से बता देते हैं .. आपकी रिजल्‍ट आफिस में बन गया हो .. तो ये यहां से बता देंगे .. यहां तक कि पैसे चुकाने पर हजार किमी दूर किसी दूकान की डिश और .. साथ ही साथ रसीद तक दिखा देते हैं .. बाद में दुकानवाला कहता है कि एक व्‍यक्ति आकर ये सब ले गया है .. मैने तो कितनी बार कहा है .. वे वैज्ञानिकों के सामने प्रदर्शन नहीं करना चाहते .. शायद कोई बाध्‍यता हो .. पर ऐसा कुछ होता है .. इससे इंकार नहीं किया जा सकता .. इस लेख में मेरे पिताजी ने ऐसे सिद्धोंके बारे में लिखा है !!

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  4. आत्मा अनश्वर है तो अच्छी-बुरी आत्माएं होती हैं ...........मैं मानती हूँ , देखा नहीं,देखना चाहती भी नहीं

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  5. मैं देखा नहीं वो कैसा होता है। बस सुना है पिता जी से। वो एक किस्सा सुनाते हैं कि एक दिन वो खेतों से लौट रहे थे, एक सुंदर सी औरत उनके पीछे पीछे घर तक आई और फिर एकदम गायब हो गई। वो एक दिन खेतों में रात को पानी लगा रहे थे कि अचानक उनकी छाती पर आकर एक ऊंट बैठ गया। जिस तन बीती वो ही तन जाने।

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  6. बहुत ही अच्‍छी पोस्‍ट लगी, जिसकी रोचकता अंत तक बरकरार रही, सुन्‍दर एवं सजीव लेखन का आभार

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  7. paramjeet sing ji aapne jo likha hai mai usse santusht nahi hun
    kyuki mere hisaab se bhoot pret sirf vaham maatr hai aur kuchh nahi.
    tantrik to sabko bewkoof banaate rahte hai
    mai aapko is vishay me ek lekh bhejunga fir bataaiega
    gustaakhi maaf paramjeet ji

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  8. भाई जी हमे तो पता नही इस बारे, लेकिन आप के लिखने का ढंग बहुत अच्छा लगा. धन्यवाद

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  9. bahut achcha topic uthaya hai.........magar is bare mein koi bhi pakke taur par kuch nhi kah sakta...........jisne dekha wo manega aur jisne nahi wo nhi manega........sabki apni apni soch hai.

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  10. @santosh kumar "pyasa" आप लेख भेजें ।पढ़ने के बाद ही कुछ कह सकूँगा।

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  11. Aatmaon ke aastiv se inkaar nahi kiya jaa sakta...maine pratyaksh anubhav kiye hain kai baar apne jeevan me..

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  12. ★☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★
    जय ब्लोगिग-विजय ब्लोगिग
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    paramjeet sing ji
    भूतो के बारे मे कई किदवन्तिया है,जो अक्सर लोगो के मुह से सुनाई पडती है। चुकी: मोर्डन साइन्स इसे नही मानता, यह लोगो मे एक तरह का फोबिया होता है। किन्तु मुझे कही धुरन्धर साधू सन्तो के साथ रहने का काम पडा है> उनको आत्माओ से बाते करते सुना भी देखा भी है। पर मेरे विज्ञानिक दोस्त इसे हाथ की सफाई एवम hyptonism मानते है।

    जैन तेरापन्थ के प्रथम आचार्य भिक्षु को एक यक्ष ने केलवा (राजस्थान) मे प्रताडीत करने की कोशिश की थी पर बाद मे उस यक्ष ने भिक्षु स्वामी को उस स्थान केलवा (राजस्थान) कि अन्धेरी ओरी मे रहने की अनुमति दे दी व भिक्षु स्वामी के प्रवचन मे वह यक्ष स्वय उपस्थित होता था (घटना२२५ वर्ष पुर्व) जो सत्य है।

    ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥


    मगलभावनाओ सहीत
    हे! प्रभु यह तेरापन्थ
    मुम्बई-टाईगर
    SELECTION & COLLECTION

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  13. हम तीन डायमेंशन के प्राणी हैं। और कितने डायमेंशन हैं और उनके और कितने जीव? क्या पता?

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  14. मुझे तो नहीं देखना है भूत। अब Holloween आ रही है। मुझे तो डर लगने लगा।

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  15. आपका ये लेख बडा सामयिक है । मैने तो सुना ही है लोगों से अनुभव नही किया और करने की कोई इच्छा भी नही है ।

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  16. ... sachchaai se kam naheen aankaa jaa sakataa, prasansheeya abhivyakti !!!!

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  17. परमजीत जी ,

    यह सत्य है की आत्मा नहीं मरती और जिन आत्माओं की मुक्ति नहीं होती वो परेशान करती रहती है .....जब पकिस्तान बना तब वहाँ के कुछ ऐसे ही किस्से पिता सुनाया करते हैं ...पर मैंने तो यहाँ पिछले वर्ष हुए बम ब्लास्ट में मरे लोगों की आत्माएं भटकती देखीं हैं ...बम ब्लास्ट हमारे घर के नजदीक ही हुआ था और मैं एक गिर्ल्स हास्टल चलती हूँ ...एक एक कर सभी हास्टल की लड़कियों पर आत्माएं आने लगीं....वो अजीब तरीके से हसती और आगे क्या होने वाला है तुंरत बता देती ...बड़ी ही दहशत जदा हालत थे उन दिनों ....पूजा पाठ से ये आत्माएं स्थान छोड़ देती हैं ....!!

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  18. BHAI IS BAAT KO ANGREZ BHI MAANTA HEIN TABHI TO AAJ 31 OCTOBER KO VO HELOVIAN DAY MANAATE HAIN ...

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  19. जनाब सब बकवास...बेकार की बतकही ...किस्सागोई और कुछ नहीं !

    आपके पास कोई एड्रेस हो भूत- प्रेत का तो बताइएगा ज़रूर.

    आपने जो उदाहरण दिया है उस पर कुछ कहना उचित नही होगा. लेकिन यह अवश्य देखना चाहिए की जो व्यक्ति ऐसी बातें कर रहा है, कहीं वो अशिक्षित तो नही है.

    वैसे भी हिन्दुस्तान में क़िस्सों - कहानी की कोई कमी नही है.
    मैं हर एक से कहता हूँ... आपसे भी कहता हूँ की आप कभी किसी घटना की तह में जाएँ ... उसका विश्लेषण करें.. तब कुछ कहें.!

    चमत्कारों ... भूत-प्रेत...ज्योतिष्...तंत्र-मंत्र.... जैसी बातें पढ़ना और सुनना इंसान को अच्छा लगता है. बचपन से हमारे संस्कार ही ऐसे होते हैं ....... हर बात में चमत्कार..रहस्य..!

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  20. bhut achi lgi but bhut hote h maine dekha h . mai in bato ko faltu or time pas manta tha or dusro ke ful mje leta tha . example " jese kisi ni bhut nhi dekha ho to vo bas ha mai ha milta par man mai hasta h "

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  21. परा-मानवीय शक्तियों के बारे में पहले से प्रतिपादन है. भारतीय दर्शन मे भी मनुष्य से इतर अस्तित्व और शक्ति की विवेचना की गई है. इश्वर के बारे में जो परिकल्पना है--वह भी कुछ ऐसी ही है. कभी-कभी अपनी स्मृतियाँ कुछ अजीबो-गरीब अहसास देती हैं. जैसे की जजों घटना मेरे साथ घटित हो रही हैं, वह मेरे साथ पहले भी या यूँ कहें की पिछले जन्म में भी घटित हो चुकी हैं. बहरहाल, अच्छी आत्माओं और बुरी आत्माओं के अस्तित्व की परिकल्पना मैंने भी की है. अपने एक नाटक अदामहा में मैंने ऐसी ही अच्छी आत्माओं की परिकल्पना की है जो बुरे मनुष्यों से इस पृथ्वी को बचने के लिए यत्न करते हैं.
    डा. मनोज श्रीवास्तव.

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  22. मैंने देखा है मुझे यकीन है

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  23. भूत देखने की जिज्ञसा..Friday, October 14, 2016 at 11:31:00 PM GMT+5:30

    जब परमात्मा कण-कण में बसा है तो भूतो का अस्तित्व कैसे है ब्रमहाणड में.. क्या भूतों के अंदर भी परमात्मा है?

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  24. मुझे लगता हैं भुत प्रेत कुछ होते ही नहीं हैं यह सिर्फ अपनी मन का डर होता हैं, जो अलग अलग रूप में अपने सामने आ जाता हैं.

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