Sunday, May 15, 2011

अपने से सवाल...

 


जब सपनों की नगरी कोई..बसा ले।
टूटे हुए सपनों को यहाँ कौन संभाले।


जीनें को तो जी रहे हैं लोग यहाँ पर
क्या जीना इसे कहते हैं कोई बता दे।


मर गया भरोसा अब इस जहांन में
प्यार के रिश्ते यहाँ धन ने संभाले।
मन बोलता है कुछ दिल चाहता है कुछ
किस की सुने कोई जरा ये तो बता दे।


बस! जीने के लिये तुझे  जिदंगी मिली
जीनें का मजा ले और हँस के बिता दे।